Vashishth Shayari

Vashishth Shayari Suna hai tumhari ek nigah se

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सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग..
एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती..!!

वो इतना रोई मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए..
मैं मरता ही क्यूँ अगर वो थोडा रो देती मुझे पाने के लिए..!!

खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है..
ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।

बड रहा है दर्द गम उस को भूला देने के बाद
याद उसकी ओर आई खत जला देने के बाद!

निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब..
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है..!!

वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!

आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया

इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता.

लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ
ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला!!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!

Vashishth Shayari Fikar toh teri aaj bhi hai

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फ़िक्र तो तेरी आज भी है..
बस .. जिक्र का हक नही रहा।

तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है..
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म,
सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।

हम तो बिछडे थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,
मगर तुमने तो मेरे बिना जीना ही सिख लिया।

ताला लगा दिया दिल को.. अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं..
बंद होकर फिर खुल जाए, ये कोई दुकान नहीं।

सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!

जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब..
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब।

जुनून, हौसला, और पागलपन आज भी वही है
मैंने जीने का तरीका बदला है तेवर नहीं..!!

हम ने भी कह दिया उनसे की बहुत हो गयी जंग बस..
बस ए मोहब्बत तुझे फ़तेह मुबारक मेरी शिक्स्त हुई।

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पहले रिम-झिम फिर बरसात और अचानक कडी धूप,
मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है..!!

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!

बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे.

Vashishth Shayari Mumkin nahi hain

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मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना,
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।

कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया..!!

ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में
तेरे यहाँ ‘जाम’ लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं..!!

हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।

रुकी-रुकी सी लग रही है नब्ज-ए-हयात,
ये कौन उठ के गया है मेरे सिरहाने से।

आंसू निकल पडे ख्वाब मे उसको दूर जाते देखकर..!!
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है..!!

यू तो अल्फाज नही हैं आज मेरे पास मेहफिल में सुनाने को,
खैर कोई बात नही, जख्मों को ही कुरेद देता हूँ।

मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।

तुम्हारा क्या बिगाड़, था जो तुमने तोड़ डाला है!!
ये टुकडे मैं नही लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो!!!!

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना,
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।

Vashishth Shayari Tum door ho ya paas

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तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,
तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..!!

पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता हैं,
पलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता हैं।

सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है..!!

मरहम लगा सको तो गरीब के जख्मो पर लगा देना
हकीम बहुत है बाजार में अमीरो के इलाज खातिर !!

मैंने अपने ख्वाहिशो को दिवार में चुनवा दिया,
खामखाँ जिंदगी में अनारकली बनके नाच रही थी !!

वो कहते हैं हम जी लेंगे खुशी से तुम्हारे बिना,
हमें डर है वो टूटकर बिखर जायेंगे हमारे बिना।

ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।

मोहब्बत रोग है दिल का इसे दिल पे ही छोड़ दो,
दिमाग को अगर बचा लो तो भी गनीमत हो..!!

ख्वाब मत बना मुझे.. सच नहीं होते,
साया बना लो मुझे.. साथ नहीं छोडेंगे..!!

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक..!!

Vashishth Shayari Zindagi ki raho me

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जिन्दगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं !!

ना प्यार कम हुआ है ना ही प्यार का अहेसास,
बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है !!

तेरी यादों ने मुझे क्या खूब मशरूफ किया है ऐ सनम..
खुद से मुलाकात के लिए भी वक़्त मुकर्रर करना पड़ता है।

तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!

इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं ,
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही..!!

ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है
तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।

तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता ,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!

तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे..
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है !!

यूँ तो शिकायते आप से सैंकड़ों हैं मगर..
आप एक मुस्कान ही काफी है मनाने के लिये।

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा..
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।

Vashishth Shayari Naa karo takraar

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Naa karo takraar mujhe tumhara hi khiyal hai
Phir baat se baat nikley gi aur tum rooth jaaoge!

Main uske khyaal se niklu toh kese niklu
Woh meri soch ke har raste par aata hai!!

Bouht mushqil se seekha ha khush rehna..
Tumhare Bin, Ab suna ha ye bat bhi tumhy pareshan karti hai..

Sath chorne valo ko to ek bahana chaiye,
Varna nibhane vale to mout ke darwaze tak sath nahi chorte!

Ek bewafa ke naam kar di thi zindagi
Us bewafa ne ham se zindagi hi cheen li!!

Tere honae tak main kuch na tha..
Tera huaa to main barbaad huaa!

Koi zanjeer bhi nahi phir bhi qaid hoon tujh mein.
Nahi malum tha ke tjhe aisa hunar bhi aata hai.

Dilasa dete hein log, ke yun har waqt na roya karo…
Mein kaise bataon ke kuch dard sehne ke qabil nahi hote

Apni halat ka kuch ehsas nahin hai mujhko,
Maine auron se suna hai ki pareshan hun main.!!

Khatam hoti hui ek sham adhoori thi bahut..
Zindagi se ye mulaqat zaroori thi bahut!!

Vashishth Shayari Mujhe bhi sikha do

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मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..!!

सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!

होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही.

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!

आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ..
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।

उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।

मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर…
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।

वफ़ा के वादे वो सारे भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिल की दीवारें हिला गयी चुप चाप।

Vashishth Shayari

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मैं नींद का शोकीन ज्यादा तो नही..
लेकिन तेरे ख्वाब ना देखूँ तो.. गुजारा नही होता..!!

मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का..
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ..!!

मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,
होती है जो सीने में , वो हलचल भी तुम हो ..!!

चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों ..
तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।

दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही

तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं…!!

अब लोग पूछते हैं हमसे.. तुम कुछ बदल गए हो
बताओ टूटे हुए पत्ते अब .. रंग भी न बदलें क्या..!!

छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है.
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है.

क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!

तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!

Vashishth Shayari

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बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर
जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।

इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब।
मुनाफे में जेब जले.. और घाटे में दिल..!

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!

कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त,
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!

चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है।

ग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना..
समझे भी तो क्या समझे जाना भी तो क्या जाना।

किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना..
वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।

जब किसी से कोई गिला रखना सामने अपने आईना रखना।

आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे
अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते हैं।

Two line shayari hindi font

ये “दिल” ही है जिसे हारने की आदत हो गई….

वर्ना,

जहाँ भी हमने “दिमाग” लगाया फतह ही पाई है…

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इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमेँ. तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा!!!

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तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर, वरना मैं अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर…!!

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ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे…. किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है.

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जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.

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मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर…… जरा सम्भल के…… ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए…….!!

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हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!

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कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!

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जब भी चाहा सिर्फ तुम्हे चाहा.. पर कभी तुम से कुछ नही चाहा..!!

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उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,, जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही!!!       ********

 

आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की !!!!

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हर फैसले होते नहीं,सिक्के उछाल कर..यह दिल के मामले है….जरा संभल कर!!

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मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!

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यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने. कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं !!

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चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे ।। इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई, वो किसी ओर कि क्या होगी ।

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लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे…!! मोत अछी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं…!!

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: दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.

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शक ना कर मेरी मुहब्बत परपगली……. अगर मै सबूत देने पर आया तो … तु बदनाम हो जायेगी..!!!

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❣❣ऐसा करो, बिछड़ना है तो, रूह से निकल जाओ,

 

रही बात दिल की, उसे हम देख लेंगे.🌹👈

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❣❣फिर नही बसते वो दिल जो एक बार उजड् जाते है,

 

कब्रे जितनी भी सजा लो पर जिँदा कोई नही होता.🌹👈

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❣❣धोखा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर,

 

हर कांच का टूकड़ा हीरा नहीं होता.🌹👈

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❣❣हाथ की नब्ज़ काट बैठा हूँ,

 

शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये.🌹👈

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: ❣❣हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं,

 

क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा.🌹👈

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आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो !!

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बिछड़ने वाले तेरे लिए, एक “मशवरा” है.. कभी हमारा “ख्याल” आए, तो अपना ‘ख्याल’ रखना..।।

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तुम बदले तो मज़बूरिया थी ,हम बदले तो बेवफा हो गए !!!

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धोखा देने के लिए ‪#‎शुक्रिया पगली कि ‪#‎तुम ना मिलती तो ‪#‎दुनिया_समझ में ‪#‎ना आती !!

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हो सके तो अब के कोई सौदा न करना; मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ..!

 

नजर-अंदाज

तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी…

अब तो नफरत की बात है सोच ले तेरा क्या होगा…

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उन्होंने तो हमें धक्का दिया था डुबाने के इरादे से…

अंजाम ये निकला हम तैराक बन गए।

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दाद देते है तुम्हारे ‘नजर-अंदाज’ करने के हुनर को.!!

जिसने भी सिखाया वो उस्ताद कमाल का होगा..!!

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मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना…. 💕

💓जरा से भी चूके तो महोब्बत हो जायेगी…💞

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दर्द की भी अपनी एक अदा है

ये तो सहने वालों पर ही फ़िदा है।

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प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे,

दौलत की सोचोगे तो पूरी दुनिया

बेचनी पड़ेगी तुम्हे।

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